Peon की मौत के बाद नौकरी का हकदार कोन ?

यह खबर उत्तर प्रदेश के झाँसी से है जहाँ पर UP में झाँसी के सिचाई विभाग में Peon सन्तोष कुमार चपरासी के पद पर तैनात थे , सन्तोष कुमार कैंसर की बीमारी से जुझ रहे थे|
4 माह पूर्व Peon सन्तोष कुमार की कैंसर से मौत हो गयी | Death होने के बाद म्रतक आश्रित कोटे से उसके परिवार वालों में से किसी एक वारिश को नौकरी मिलनी थी |
म्रतक आश्रित कोटे से नौकरी पाने के लिए झाँसी के सिचाई विभाग में 3 आवेदन प्राप्त हुये | सिचाई विभाग के अधिकारी ने प्राप्त आवेदनों की छानबीन की और पता चला की जिन्होने आवेदन किए है वो तीनों अपने आप को सन्तोष कुमार की पत्नी बता रही है |
अब अधिकारी भी परेशान की करे तो करे क्या ?
पहला आवेदन क्रान्ति देवी का आया उन्होने अपने आवेदन के साथ वारिसान प्रमाण पत्र संलगन किया हुआ था |
दूसरा आवेदन सुनीता वर्मा का आया जिसका निवास भोपाल में है सुनीता वर्मा ने आवेदन के साथ में शादी की Albumb , सयुक्त ID और अन्य कागजात पेश किए |
और 5 दिन बाद आखिरी में राजो देवी भी वारिसान प्रमाण पत्र और फ़ाइल लेकर UP में झाँसी के सिचाई विभाग पहुँच गयी | तीनों ने खुद को सन्तोष कुमार की पत्नी बताया | फिर सिचाई विभाग में एक जाँच कमेटी बनाई गयी और फिर सिचाई विभाग में तैनात अधिकारी पंकज सिंह ने जाँच कर बताया की सन्तोष कुमार की सर्विस बूक में किसी भी पत्नी ओर बच्चो का विवरण नहीं मिला है |
और जाँच में यह भी अनुमान लगाया जा रहा है की सन्तोष कुमार की जहाँ जहाँ पोस्टिंग हुई है